Top 5 ramsapir viral videos ranuja sarkar
जय बाबा री भक्तो
बाबा रामदेव जी जिन्हें रामसापीर के नाम से भी जाना जाता है ।
भारत के हर प्रांत से बाबा रामदेव जी की नगरी रणुजा में लोग दर्शन करने आते हैं खास तौर पर बाबा के भक्तों का जमावड़ा भाद्रपद की द्वितीया से लेकर से एकादशी तक भादवे का मेला रामदेवरा में भरता है ।
कोरोना के समय बाबा रामदेवजी का 1 मात्र पेज जो बाबा के भक्तों तक डेली दर्शन पहुंचा रहा था @ranuja_sarkar_ उसी पेज की वायरल वीडियो हम आपके साथ था शेयर कर रहे है ।
जय रामसापीर
jay Ranuja sarkar
aslo read –
बाबा रामदेव जी से संबंधित एक संक्षिप्त कथा
भादवा मेले का इतिहास रणुजा रामदेवरा में एक मनुष्य की मृत्यु तय ??
हर साल रामदेवरा में बाबा रामदेव जी का भादवा मेला जोरों शोरों से आयोजित किया जाता है यह राजस्थान का कुंभ है यहां पर लाखों श्रद्धालु आकर बाबा रामदेव जी के दर्शन करते हैं और अपनी मन्नत पूरी होने पर बाबा रामदेव जी के पैदल आते हैं|
प्राचीन समय से यह एक कहानी चलती आ रही है कि जब भादवा के समय बाबा रामदेव जी के मेले में लाखों भक्त रामदेवरा में मौजूद रहते हैं तब जिस भैरव राक्षस का वध बाबा रामदेव जी ने किया था वह किसी एक श्रद्धालु का भक्षण कर लेता है अब इस कहानी में कितनी सच्चाई है और कितने तथ्य सम्मिलित हैं इसकी पुष्टि statuswala.co.in नहीं करता है।
Baba ramdevji status -Top 5 ramsapir viral videos ranuja sarkar
1.
एक दिन खुद की तलाशी
ले ली,जो भी मिली वो
आपकी थी लेकिन अपनी
नहीं लगी
जय बाबा री
2.
हे मेरे बाबा
आखो में सामने ह्रदय में बस्ते हो
आप यही सोभाग्य है की आप हर
भक्त की लाज रखते हो बाबा3.
जो गिरने से डरते है
वो कभी उड़ान
नहीं भर सकते
जय बाबा री4.
बड़ा लक्ष्य प्राप्त करने के लिए
बस एक मजबूत सोच की जरुरत होती है5.
मेहनत का फल मुसीबतो
का हल और आने वाला
कल सब बाबा के साथ में है
बाबा रामदेव जी के जीवन से जुड़ी कई कथाएं प्रचलित हैं जिनमें से कुछ सच है और कुछ समय के साथ उन्हें सच बना दिया गया है उन सब के बारे में हम इस वेबसाइट पर आर्टिकल के माध्यम से आपके साथ साझा करेंगे तथा बाबा रामदेव जी के भादवा से संबंधित आर्टिकल आपको यहां देखने को मिलेंगे।
बाबा रामदेव जी
पिता – राजा अजमल जी
माता – रानी मैणादे
जन्म – स्थान उंडू काश्मीर (बाड़मेर)
जन्म – भाद्रपद मास द्वितीया वि.स.1409
(चैत्र शुक्ला पंचमी वि.स.1409
तुवर वंशीय भाट बही अनुसार
हरजी भाटी रचित रामसापीर की १ आरती
पिछम धरा सूं म्हारा पीर जी पधारिया।
घर अजमल अवतार लियौ ॥ 1 ॥ टेर -लाछां रे सुगणा बाई करै हर री आतरी।
हरजी रे भाटी हर रे चंवर ढुळै।
बैकुण्ठां में रामा होवै हर री आतरी,
घणी-घणी खमा म्हारै द्वारिका रै नाथ नै।
घणी-घणी खमा माता मैणादे रै लाल नै।
घणी-घणी खमा म्हारै अजमल घर अवतार नै,
घणी-घणी खमा म्हारे हिन्दूवै सूरज नै ।
घणी-घणी खमा म्हारै पिछम धरा रै बादसाह नै,
घणी-घणी खमा म्हारै रामा राजकुमार नै ।। टेर ।।
ढोल नगारा धणी रै बाजा रे बाजीया।
झालर री झणकार पड़ै ॥ 2 ॥
लाछां रै….. गंगा रे जमुना बहे सरस्वती,
रामदेव जी बाबो स्नान करै ।। 3 ॥
लाछां रै…..
दूरे रे देसां रा आवै धणी रै जातरी,
धूपों री महकार पड़ै॥ 4 ॥
घिरत मिठाई धणी रै चढ़े रै चूरमो,
आय दरगा रै आगे सीस निवाय ॥ 5 ॥ लाछां रै..
अळगी भूमि रा धणी रै आवै जातरू,
आय दरगा रै आगे अरज करै॥ 6 ॥ लाछां रै…
नवे रे खण्डां में धणी री जोत सवाई ।
धजा फरूके ओ असमान ॥ 7 ॥ लाछां रै….
नवे रे खण्डां में धणी रै परचौ सवायो,
सिंवरै ज्यारै करजो सहाय ॥ 8 ॥ लाछां रै…
हर री सरणा में भाटी हरजी बोलिया,
नवां रे खण्डां में घुरै ओ निसांण ॥ 9 ॥ लाछां रै….
jai baba ri